ITR Form Type with Explain : नमस्कार दोस्तों , यदि आप भी Income Tax Return filing करते हैं तो यह जानकारी जरूर जाने क्यों बहुत सारे लोगों ने जानकारी के अभाव में गलत फॉर्म भर देते हैं, जिससे आने वाले समय में उनको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हर साल इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते समय सबसे बड़ा सवाल होता है – कौन सा फॉर्म भरना चाहिए? आय, पेशा और कर स्थिति के आधार पर आयकर विभाग ने सात अलग-अलग ITR फॉर्म निर्धारित किए हैं। आइए समझते हैं ITR 1 से लेकर ITR 7 तक किसे कौन-सा फॉर्म भरना चाहिए:
Benefits of filing ITR – इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग की फायदे
1.टैक्स रिफंड प्राप्त करना:
अगर आपने साल भर में ज़्यादा TDS या एडवांस टैक्स जमा किया है, तो ITR फाइल करने पर आपको वह अतिरिक्त पैसा रिफंड के रूप में वापस मिल सकता है।
2.वित्तीय दस्तावेज़ के रूप में:
ITR आपके इनकम का आधिकारिक प्रमाण होता है, जो कई बार बैंक, वीज़ा, या फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन में ज़रूरी होता है।
3.बैंक लोन में सहायक:
होम लोन, कार लोन, एजुकेशन लोन आदि के लिए बैंक ITR की 2-3 साल की कॉपी मांगते हैं ताकि आपकी आय का स्तर पता चल सके।
4.वीज़ा के लिए आवश्यक:
विदेश यात्रा के समय, खासकर अमेरिका, यूके, कनाडा जैसे देशों में वीज़ा आवेदन करते समय ITR डॉक्यूमेंट माँगा जाता है।
5.बिज़नेस के लिए लाभकारी:
व्यापारी या फ्रीलांसर के रूप में आपकी आय को वैध और पारदर्शी दिखाने के लिए ITR अहम होता है।
6.भविष्य की योजना में सहायक:
इंश्योरेंस, म्युचुअल फंड, शेयर बाजार में निवेश या रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए ITR जरूरी दस्तावेज़ होता है।
7.गवर्नमेंट टेंडर या कॉन्ट्रैक्ट में ज़रूरी:
अगर आप सरकारी टेंडर या कॉन्ट्रैक्ट में हिस्सा लेना चाहते हैं, तो पिछले कुछ वर्षों का ITR फाइल होना ज़रूरी होता है।
8.कम टैक्स पेनाल्टी:
समय पर ITR फाइल करने से आप भारी जुर्माने और ब्याज से बच सकते हैं।
9.लॉन्ग टर्म बेनेफिट्स:
ITR आपकी आर्थिक स्थिति का रिकॉर्ड बनाता है, जो भविष्य में संपत्ति खरीदते समय या किसी भी लीगल प्रक्रिया में उपयोगी होता है।
10.क्लीन टैक्स रिकॉर्ड:
ईमानदारी से ITR भरने पर आपका टैक्स रिकॉर्ड साफ रहता है, जिससे IT डिपार्टमेंट से कोई परेशानी नहीं होती।
Income Tax Return Filing Kaise Kare👇
Income Tax Return Filing – इनकम टैक्स रिटर्न भरने के 10 फायदे,क्यों भरना चाहिए ITR जानिए?
ITR Form Type with Explain-कौन सा फॉर्म भरना चाहिए
1. ITR-1 (सहज)
- सैलरीड पर्सन
- पेंशनर्स
- हाउस प्रॉपर्टी से एक स्रोत की आय
- अन्य स्रोत (जैसे बैंक इंटरेस्ट)
ITR1 फार्म की शर्ते:
- कुल आय ₹50 लाख तक हो
- बिजनेस या प्रोफेशन से आय नहीं हो
2. ITR-2
- जिनकी सैलरी या पेंशन है और ₹50 लाख से ज़्यादा आय है
- जिनके पास एक से अधिक हाउस प्रॉपर्टी हो
- कैपिटल गेन (शेयर, जमीन आदि से) हो
- विदेश में संपत्ति या इनकम हो
3. ITR-3
- बिजनेस या प्रोफेशन (फ्रीलांसर, डॉक्टर, वकील आदि)
- पार्टनरशिप फर्म में पार्टनर
4. ITR-4 (सुगम)
- छोटे व्यापारी, प्रोफेशनल और फर्म (प्रेसम्टिव इनकम स्कीम के तहत)
- जिनकी कुल आय ₹50 लाख तक हो
- जिन्हें सेक्शन 44AD, 44ADA, 44AE के तहत रिटर्न भरना है
5. ITR-5
- फर्म, LLPs (Limited Liability Partnership), AOPs (Association of Persons), BOIs (Body of Individuals)
- जिनके ऊपर ITR-1 से 4 लागू नहीं होते
6. ITR-6
- कंपनियाँ (जिन पर सेक्शन 11 लागू नहीं है – यानी जो धर्मार्थ संस्था नहीं हैं)
7. ITR-7
- ट्रस्ट, धार्मिक संस्थाएं, राजनीतिक पार्टी, रिसर्च संस्थान आदि
- जिन्हें सेक्शन 139(4A), 139(4B), 139(4C), या 139(4D) के तहत रिटर्न भरना है।
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निष्कर्ष:ITR फॉर्म का सही चुनाव करना बहुत जरूरी है क्योंकि गलत फॉर्म भरने से रिटर्न रिजेक्ट हो सकता है या नोटिस आ सकती है। यदि आप सुनिश्चित नहीं हैं, तो टैक्स सलाहकार की मदद लें।
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